निर्देशकीय
भास के नाटको में कर्णभार अपना विशिष्ट स्थान रखता है। काव्य-रस के परिपाक तथा नाटकीय तत्वो के निर्वाह, दोनों दृष्टियो से यह नाटक उच्च कोटि का है। यद्यपि नाअक का विषय वीर-रस और युद्धभूमि से हीह सम्बन्ध रखता है पर नाटक में करुण रस की विषेश प्रभा दिखायी पडती है। अलकारों की योजना मेेे कवि को पर्याप्त सफलता मिली
संस्कृत नाटय परंपरा हर रंगप्रेमी को अचम्भित करती रही है। मुझे हमेशा लगता रही है। महाकवि भास सीधे रंगमंच से जुडे रहे होंगे। इसलिए उनका कथा शिल्प रंगमंच के अधिक करीब है। कर्णभारम् को करने की वजह यही रही है। विद्वान सुधी दर्शको से ए प्रयोग की अनुमति अपेक्षित सेस्कृत के साथ हिन्दी के संवाद भी कही यदि इसमे सक्रीन पर प्रदर्शित हो इसमें रसरंग की थोडी सम्भावना है पर यदि इसमे सामान्य दर्रूाक संस्कृत मंच से जुड सके तो मुझो लगेगा ये प्रयास ठीक था।
सभी कलााकार पहली बार संस्कृत रंगमंच से सीधेतोरपर जुड है उज्जैन संस्कृत रंगमंच की सुदीर्घ परंपरा से जुडा रहा है उसी परंपरा के कारण वाचिक अभिनय को प्राथमिकता दी गई र्ह । इसमें कुछ संवादो को दृश्यों के रुपाथित किया गया है ।
मंच पर
कर्ण – अनुज विष्वास
शलयराज – साकेत चंदेल
परषुराम / शिष्य/ हिरण्यकषिपु- गोकुल परमार
शक्र/ शिष्य/ नरसिह/सिपाही – शु भम सत्यप्रेमी
प्रिचायक/वज्रमुखी/ शिष्य – विकास चौहान
षिष्य/ सैनिक/ कृष्ण/ सिपाही – दीपक झा,
षिष्य/ सैनिक/सुत्रधार/ सिपाही- नागुलाल हाडा
देवदूत/ शिष्य/ सिपाही – अलख गौरे
षिष्य/ सैनिक / सिपाही – तन्मय उपाघ्याय,
षिष्य/ सैनिक / सिपाही – कपिल राणा
राधा – गेहा दव
कुंती – स्मिता गोयल
पार्श्वमंच
नृत्य मुद्रा – राजकुमंुद ठोलीया
संगीत – पं,आषुतोष षास्त्री
गायन – गेहा दवे स्मारिका जोषी गुरुमीत सलुजा
वाद्ययवृदे – राजेन्द्र आर्य,
नंगंडा – आयुष वाघमरे
तबला – अर्जुन सिंह
सिन्थेसाइजर – कान्हा व्यास
गति अभिनटन – सप्तरथी मोहंतो
स्टेज/अखाडा/सेट – षुभम सत्यप्रेमी
आलोकन – हर्षित षमार्/षेलेष दबकवाल
मुच सज्जा – सुदर्षन स्वामी / गेहा दवे
वेषभूषा – हर्षित शर्मा / साकेत चंदेल/ अलख गौरे
रंग सामग्री – विकास चौहान/षुभम सत्यप्रेमी/षुभम अहिरवार
रंगसज्जा – अनुज विष्वास/ अलख गौरे
ब्रोशर/आमंत्रण – साकेत चंदेल
फोटो – योगेन्द्र भावसार
रंगसज्ज/ संगीत/सह निर्देषन – राजेश जूनवाल
निर्देशन – सतीश दवे
मार्ग दर्शक – डॉ. बालकृष्ण षर्मा/डॉ. भगवतीलाल राजपुरोहित शेलेन्द्र पराषर प्रवीण ठाकुर डॉ. रवि राठौर
सहयोग – षैलेन्द्र वर्मा, सोमेष प्रजापत, सुदर्षन स्वामी षुभम स्वामी आतिष ठाकुर कपिल ठौसर राजा प्रजापत कृतिका जाषी स्वर्णिका जाषी नकुल देषभरतार रवि षर्मा निलेश वाडिया
प्रस्तुति – विक्रमादिव्य षोध पीठ, परिष्कृति, बालमुच उज्जैन
सौजन्य – स्वराज संचालनालय, भोपाल



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