
एसोसिएट प्रोफेसर
केंद्रीय विश्वविद्यालय हैदराबाद
जन्म 11 अगस्त 1970 | सन 2000 में राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय से परिकल्पना एवं निर्देशन में उपाधि। बाल्यावस्था से ही नाटकों में सहज रूचि की वजह से उज्जैन स्थित बाल मंच से जुड़ाव। पिछले 35 सालों से एक अभिनेता, निर्देशक और परिकल्पक के रूप में रंगकर्म। 100 से अधिक नाटकों में अभिनय एवं देश-विदेश में नाट्य प्रदर्शन। 40 से अधिक कार्यशालाओं का देश के कोने-कोने में संचालन। 50 से अधिक नाटकों का निर्देशन, जिसमें मध्यम व्यायोग, किंग लीयर, , दुविधा, खेल गुरु का, रावण, सत्य हरिशचन्द्र, चोर-चकोर, लच्छेदार गुच्छा, ओस की बूँद, रूस्तम सोहराब, कागमुनि, स्वप्न रात्री, समझी लियो रे मना, अरण्य गाथा, अपना रख पराए चख , हमू त मनसा रे , तारतूफ, छोड़ चला बंजारा… इत्यादि । देश के जाने-माने रंगकर्मी बंसी कौल के निर्देशन में ‘क्लाऊन मैथडोलॉजी’ शैली पर रंग विदूषक में पाँच वर्ष तक कार्य। बिलासपुर जेल के कैदियों के साथ एक माह कार्य । एशिया आर्ट महोत्सव जापान में अनुराधा कपूर जी के निर्देशन में नवलखा का मंचन ।
धारावाहिक एवं फीचर फिल्म स्वराज (अनवर जमाल), चिगुरद कनसु (नागा भरणा), वून्डेड (कृष्णा मिश्रा), व्हाट इज कुकिंग स्टेला (दीपा मेहता), कोयलांचल. धरती अब भी घूम रही है (राजेश त्यागी) तथा टी.वी. धारावाहिक-किस्से एक हजार, प्रेमचंद की कहानियाँ, कथा सरिता आदि में कला निर्देशन एवं अभिनय । राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय की शोधवृत्ति परियोजना के तहत मालवा, निमाड़, झाबुआ की लोककला, संस्कृति पर कार्य। जूनियर फैलोशिप के तहत अवधांचल (उत्तरप्रदेश) के प्रदर्शनकारी लोकनाट्य पर 2 वर्ष कार्य। हैदराबाद केन्द्रिय विश्वविद्यालय में 4 माह तक अभिनय प्रशिक्षक के रूप में कार्य, राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय रंगमंडल में प्रस्तुति समन्वयक के पद पर तीन वर्ष कार्य। 2012 में मध्यप्रदेश शासन द्वारा कबीर सम्मान ,शिखर सम्मान 2018, बेस्ट परफार्मिंग आर्टस प्रमोटर अवार्ड 2021 हरियाणा,रंग साधना सम्मान1996, रंग परसाई राष्ट्रीय रंग सम्मान2018,सतपुड़ा रंग सम्मान2023 ।
वर्तमान में केंद्रीय विश्वविद्यालय हैदराबाद मे सह प्राध्यापक के पद पर सक्रिय।